अथ बुधवार और युगल किशोर जी की आरती Ath Budhwar or Yugal Kishor ji ki Aarti
अथ बुधवार की आरती, युगल किशोर जी की आरती
आरती युगल किशोर की कीजै, तन मन न्यौछावर कीजै || टेक ||
गौरश्याम मुख निरखन लीजै, हरि का स्वरूप नयन भरि पीजै
रवि शशि कोटि बदन की शोभा, ताहि निरिख मेरो मन लोभा
ओढे नील पीत पट सारी , कुंजबिहारी गिरिवरधारी
फूलन की सेज फूलन की माला , रतन सिंहासन बैठे नन्दलाल
कंचनथार कपूर की बाती, हरि आए निर्मल भई छाती
श्री पुरूषोत्तम गिरिवरधारी आरती करे ब्रज नारी
नंद नन्दन ब्रजभानु किशोरी, परमानन्द स्वामी अविचल ज़ोरी
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बुधवार व्रत कथा Budhvar Vrat katha
अथ बुधवार और युगल किशोर जी की आरती
श्री गणेश चालीसा
बुधवार व्रत कथा
Ath Budhwar ki Aarti
Aarti yugal kishor ki kije, tann mann niyochawar kije | tek |
Gourshayam mukh nirakhan lije hari ka swaroop nayan bhari pije,
Ravi shashi koti badan ki shobha tahi nirikh mero mann lobha,
Ode neel peet pat saari kunjbihari girivardhari,
Fulan ki sej fulan ki mala rattan sihasan bheithe nandlaal,
Kanchanthar kapoor ki baati hari aaye nirmal bhayi chaati,
Shri parshotam girivardhari aarti kare brij nari,
Nandnandan brijbhan kishori parmanand swami avichal jori |
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