लक्ष्मी पूजन में आवश्यक साम्रगी (Important Things for Diwali Puja)
दिवाली हिंदुओं के मुख्य त्यौहारों में से एक है। दिवाली भगवान श्री राम के अयोध्या वापसी की खुशी में मनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा का विधान है।
माता लक्ष्मीजी के पूजन की सामग्री अपने सामर्थ्य के अनुसार होना चाहिए। इसमें लक्ष्मीजी को कुछ वस्तुएँ विशेष प्रिय हैं। उनका उपयोग करने से वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इनका उपयोग अवश्य करना चाहिए। वस्त्र में इनका प्रिय वस्त्र लाल-गुलाबी या पीले रंग का रेशमी वस्त्र है।
माताजी को पुष्प में कमल व गुलाब प्रिय है। फल में श्रीफल, सीताफल, बेर, अनार व सिंघाड़े प्रिय हैं। सुगंध में केवड़ा, गुलाब, चंदन के इत्र का प्रयोग इनकी पूजा में अवश्य करें। अनाज में चावल तथा मिठाई में घर में बनी शुद्धता पूर्ण केसर की मिठाई या हलवा, शिरा का नैवेद्य उपयुक्त है।
प्रकाश के लिए गाय का घी, मूंगफली या तिल्ली का तेल इनको शीघ्र प्रसन्न करता है। अन्य सामग्री में गन्ना, कमल गट्टा, खड़ी हल्दी, बिल्वपत्र, पंचामृत, गंगाजल, ऊन का आसन, रत्न आभूषण, गाय का गोबर, सिंदूर ,भोजपत्र का पूजन में उपयोग करना चाहिए।
पूजा में आवश्यक साम्रगी (Important Things for Diwali Puja)
रोली | मोली | धूपबती |
कपूर | चन्दन | चावल |
यज्ञोपवीत -5 | रुई | गुलाल |
बुक्का | सिंदूर | पान -10 |
सुपारी -२० | पुष्पमाला | दूर्वा |
इत्र की सीसी -१ | इलायची छोटी | लवंग |
पेड़ा | ऋतुफल | दूध-दही |
धृत | चीनी | शहद |
पंच पल्लव | सर्वोषधि | गिरी का गोला -२ |
लक्ष्मी जी की मूर्ति | गणेश जी की मूर्ति | सिंहासन |
लक्ष्मी जी के वस्त्र | गणेशजी के वस्त्र | धान का लावा (खिल) |
कलश ताम्र अथवा मिट्टी | सफ़ेद कपडा आधा मीटर | लाल कपडा आधा मीटर |
गंगाजल |
महालक्ष्मी पूजा या दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान- सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी व गणेश जी की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दिए आदि वस्तुएं पूजा के लिए एकत्र कर लेना चाहिए।
Leave a Reply