बृहस्पति देव की आरती Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti
बृहस्पति देव की आरती
आरती बृहस्पति देवता की
जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा ।
छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥
तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े ॥
दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ॥
सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी ॥
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहत गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ॥
जानिए बृहस्पति ग्रह दोष के प्रभाव, मंत्र और उपाय
बृहस्पतिवार व्रत कथा
बृहस्पतिवार उद्यापन विधि
बृहस्पतिवार व्रत से होगी आपकी सभी मनोकामनायें पूरी
बृहस्पतिवार व्रत से मिलती है असीम सफलता
बृहस्पति देव की आरती
Leave a Reply