देवी के नौ रूप, सरल पूजन विधि विशेष मंत्र व सम्पूर्ण आरती, चालीसा
About Navratri
नवरात्रि एक हिंदू पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। पौष, चैत्र,आषाढ,अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों – महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दुर्गा का मतलब जीवन के दुख कॊ हटानेवाली होता है। नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में मान्यता रखने वालों के अनुसार मां भगवती संपूर्ण संसार की शक्ति की स्त्रोत हैं. इन्हीं की शक्ति से इस धरती पर सभी कार्य संपन्न होते हैं. मां भगवती को प्रसन्न करने के लिए वर्ष में दो बार नवरात्र यानि नौ दिनों का ऐसा त्यौहार आता है जब व्रत रख मां को प्रसन्न किया जा सकता है. नवरात्र पर्व (Navratri Festival) वर्ष में दो बार आता है एक चैत्र माह में, दूसरा आश्विन माह में. अश्विन मास की नवरात्रि के दौरान भगवान राम की पूजा और रामलीला अहम होती है. अश्विन मास की नवरात्रि को शारदीय नवरात्र भी कहते हैं.
नवरात्रि पूजन विधि
सबसे पहले आसन पर बैठकर जल से तीन बार शुद्ध जल से आचमन करे- ॐ केशवाय नम:, ॐ माधवाय नम:, ॐ नारायणाय नम: फिर हाथ में जल लेकर हाथ धो लें। हाथ में चावल एवं फूल लेकर…..पूरा पड़ने के क्लिक करे।
महादेवी के नौ रूप
नवरात्रि प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि दूसरा दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा
नवरात्रि तीसरा दिन माँ चन्द्रघन्टा की पूजा
नवरात्रि चौथा दिन माँ कुष्माण्डा की पूजा
नवरात्रि पाँचवा दिन माँ स्कंदमाता की पूजा
नवरात्रि छठा दिन माँ कात्यायनी की पूजा
नवरात्रि सातवां दिन माँ कालरात्रि की पूजा
नवरात्रि आठवां दिन माँ महागौरी की पूजा
नौवां दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा
॥ जय श्री सांवलिया सेठ॥
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