स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।

किसी मंदिर, न मस्जिद की दिवार समझता हूँ,
जहाँ भी बैठ जाऊं बस उसे घर बार समझता हूँ,
परिंदा हूँ मैं न बंट पाऊंगा तुमसे धर्म मजहब में,
मेरा एक धर्म हैं, खुद को मैं हिंदुस्तान समझता हूँ !

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।

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