भगवान् श्री कृष्ण जी के 51 नाम और उन के अर्थ

भगवान् श्री कृष्ण जी के 51 नाम और उन के अर्थ

भगवान् श्री कृष्ण जी के 51 नाम और उन के अर्थ

*भगवान् श्री कृष्ण जी के 51 नाम और उन के अर्थ:…..*

*1 कृष्ण* : सब को अपनी ओर आकर्षित करने वाला.।
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*2 गिरिधर*: गिरी: पर्वत ,धर: धारण करने वाला। अर्थात गोवर्धन पर्वत को उठाने वाले।
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*3 मुरलीधर*: मुरली को धारण करने वाले।
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*4 पीताम्बर धारी*: पीत :पिला, अम्बर:वस्त्र। जिस ने पिले वस्त्रों को धारण किया हुआ है।
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*5 मधुसूदन:* मधु नामक दैत्य को मारने वाले।
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*6 यशोदा या देवकी नंदन*: यशोदा और देवकी को खुश करने वाला पुत्र।
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*7 गोपाल*: गौओं का या पृथ्वी का पालन करने वाला।
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*8 गोविन्द*: गौओं का रक्षक।
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*9 आनंद कंद:* आनंद की राशि देंने वाला।
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*10 कुञ्ज बिहारी*: कुंज नामक गली में विहार करने वाला।
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*11 चक्रधारी*: जिस ने सुदर्शन चक्र या ज्ञान चक्र या शक्ति चक्र को धारण किया हुआ है।
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*12 श्याम*: सांवले रंग वाला।
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*13 माधव:* माया के पति।
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*14 मुरारी:* मुर नामक दैत्य के शत्रु।
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*15 असुरारी*: असुरों के शत्रु।
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*16 बनवारी*: वनो में विहार करने वाले।
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*17 मुकुंद*: जिन के पास निधियाँ है।
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*18 योगीश्वर*: योगियों के ईश्वर या मालिक।
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*19 गोपेश* :गोपियों के मालिक।
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*20 हरि*: दुःखों का हरण करने वाले।
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*21 मदन:* सूंदर।
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*22 मनोहर:* मन का हरण करने वाले।
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*23 मोहन*: सम्मोहित करने वाले।
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*24 जगदीश*: जगत के मालिक।
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*25 पालनहार*: सब का पालन पोषण करने वाले।
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*26 कंसारी*: कंस के शत्रु।
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*27 रुख्मीनि वलभ*: रुक्मणी के पति ।
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*28 केशव*: केशी नाम दैत्य को मारने वाले. या पानी के उपर निवास करने वाले या जिन के बाल सुंदर है।
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*29 वासुदेव*:वसुदेव के पुत्र होने के कारन।
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*30 रणछोर*:युद्ध भूमि से भागने वाले।
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*31 गुड़ाकेश*: निद्रा को जितने वाले।
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*32 हृषिकेश*: इन्द्रियों को जितने वाले।
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*33 सारथी*: अर्जुन का रथ चलने के कारण।
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*35 पूर्ण परब्रह्म:* :देवताओ के भी मालिक।
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*36 देवेश*: देवों के भी ईश।
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*37 नाग नथिया*: कलियाँ नाग को मारने के कारण।
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*38 वृष्णिपति*: इस कुल में उत्पन्न होने के कारण
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*39 यदुपति*:यादवों के मालिक।
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*40 यदुवंशी*: यदु वंश में अवतार धारण करने के कारण।
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*41 द्वारकाधीश*:द्वारका नगरी के मालिक।
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*42 नागर*:सुंदर।
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*43 छलिया*: छल करने वाले।
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*44 मथुरा गोकुल वासी*: इन स्थानों पर निवास करने के कारण।
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*45 रमण*: सदा अपने आनंद में लीन रहने वाले।
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*46 दामोदर*: पेट पर जिन के रस्सी बांध दी गयी थी।
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*47 अघहारी*: पापों का हरण करने वाले।
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*48 सखा*: अर्जुन और सुदामा के साथ मित्रता निभाने के कारण।
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*49 रास रचिया*: रास रचाने के कारण।
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*50 अच्युत*: जिस के धाम से कोई वापिस नही आता है।
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*51 नन्द लाला*: नन्द के पुत्र होने के कारण।
🌺 *।। जय श्री कृष्णा ।।*


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