देवता या ग्रह के शुभफल के लिए कैसे बांधे
हाथ में रंग-बिरंगे धागे बांधने का एक फैशन सा है। अक्सर मंदिरों में ये धागे बांधे जाते हैं। कम ही लोग जानते हैं कि ये धागे भी हमारे लिए सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण भी करते हैं। हाथ में धागा अगर अपनी परेशानी या इष्ट देवता के हिसाब से किया जाए तो इसके काफी अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। लेकिन, ये धागा ऐसे ही नहीं बांधा जाता है। इसे रक्षासूत्र कहते हैं, सो इसके बांधने का भी तरीका निश्चित है।
हमारे शास्त्रों ने इस बारे में पूरी जानकारी दी है। ज्योतिष में रक्षासूत्र का काफी महत्व माना गया है। किसी भी पूजा के पहले पंडित भी पूजा करवाने वाले के हाथ पर रक्षासूत्र बांधता है जो विशेष मंत्रों के साथ होता है। इसलिए अगर हाथ पर धागा बांध रहे हैं तो उसको पूरी विधि-विधआन के साथ बांधें, इसका लाभ आपको मिलेगा। हर भगवान और ग्रह के हिसाब से अलग-अलग रंग और धागे का रक्षासूत्र बांधने का विधान कहा गया है।
किस ग्रह और देवता के लिए कौन सा रक्षासूत्र
शनि –शनि की कृपा के लिए नीले रंग का सूती धागा बांधना चाहिए।
बुध – बुध के लिए हरे रंग का सॉफ्ट धागा बांधना चाहिए।
गुरु और विष्णु – गुरु के लिए हाथ में पीले रंग का रेशमी धागा बांधना चाहिए।
शुक्र और लक्ष्मी – शुक्र या लक्ष्मी की कृपा के लिए सफेद रेशमी धागा बांधना चाहिए।
चंद्र और शिव – शिव की कृपा या चंद्र के अच्छे प्रभाव के लिए भी सफेद धागा बांधना चाहिए।
राहु-केतु और भैरव – राहु-केतु और भैरव की कृपा के लिए काले रंग का धागा बांधना चाहिए।
मंगल और हनुमान – भगवान हनुमान या मंगल ग्रह की कृपा के लिए लाल रंग का धागा हाथ में बांधना चाहिए।
कैसे बांधा जाए धागा
जिस भी देवता या ग्रह के शुभफल के लिए धागा बांधना है, उसके लिए उसी वार को मंदिर जाएं। चाहे तो धागा पहले से खरीद कर रख लें। मंदिर में पूजा करें, प्रसाद चढ़ाएं, फिर उस धागे को थोड़ी देर के लिए भगवान की प्रतिमा के पैरों में रख दें। इस तरह रखें कि धागा प्रतिमा से छू जाए। फिर मंदिर में पंडित से ही उस धागे को अपने सीधे हाथ में बंधवाएं। इसके लिए 11 या 21 रुपए पंडित को दक्षिणा भी दें। इस तरह बांधा गया धागा आपको काफी लाभ देगा। आपके आसपास सुरक्षा का घेरा बनाएगा।
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