अक्षय तृतीया महत्व | Significance of Akshaya Tritya

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वैशाख शुक्ल पक्ष की तृ्तिया को अक्षय तृ्तिया के नाम से पुकारा जाता है इस तिथि के दिन महर्षि गुरु परशुराम का जन्म दिन होने के कारण इसे “परशुराम तीज” या “परशुराम जयंती” भी कहा जाता है. इस दिन गंगा स्नान का बडा भारी महत्व है. इस दिन स्वर्गीय आत्माओं की प्रसन्नाता के लिए कलश, पंखा, खडाऊँ, छाता,सत्तू, ककडी, खरबूजा आदि फल, शक्कर आदि पदार्थ ब्राह्माण को दान करने चाहिए. उसी दिन चारों धामों में श्री बद्रीनाथ नारायण धाम के पाट खुलते है. इस दिन भक्तजनों को श्री बद्री नारायण जी का चित्र सिंहासन पर रख के मिश्री तथा चने की भीगी दाल से भोग लगाना चाहिए. भारत में सभी शुभ कार्य मुहुर्त समय के अनुसार करने का प्रचलन है अत: इस जैसे अनेकों महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इस शुभ तिथि का चयन किया जाता है, जिसे अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है.

 

 

अक्षय तृतीया महत्व

 

अक्षय तृतीया में दान पुण्य का महत्व | Significance of charity on Akshaya Tritya

 

अक्षय तृतीया का पौराणिक महत्व | Historical significance of Akshaya Tritya

 

अक्षय तृतीया | Akshaya Tritiya | Akha Teej | Vaishakh Teej


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