आज से वैशाख मास प्रारम्भ , जाने इसका महत्व और क्या करे ,क्या न करे !
Vaishakh Month Importance
01 अप्रैल 2018, से वैशाख मास शुरू हो रहा है । धार्मिक दृष्टि से प्रत्येक महीने का अपना एक विशेष महत्व है। हिंदू वर्ष के दूसरे महीने वैशाख के विषय में धर्म ग्रंथों में लिखा है कि-
न माधवसमो मासों न कृतेन युगं समम्।
न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।।
(स्कंदपुराण, वै. वै. मा. 2/1)
धर्म ग्रंथों के अनुसार स्वयं ब्रह्माजी ने वैशाख को सब मासों से उत्तम मास बताया है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला इसके समान दूसरा कोई मास नहीं है। जो वैशाख मास में सूर्योदय से पहले स्नान करता है, उससे भगवान विष्णु विशेष स्नेह करते हैं। सभी दानों से जो पुण्य होता है और सब तीर्थों में जो फल मिलता है, उसी को मनुष्य वैशाख मास में केवल जलदान करके प्राप्त कर लेता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो इस मास में जलदान नहीं कर सकता यदि वह दूसरों को जलदान का महत्व समझाए, तो भी उसे श्रेष्ठ फल प्राप्त होता है। जो मनुष्य इस मास में प्याऊ लगाता है, वह विष्णु लोक में स्थान पाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि जिसने वैशाख मास में प्याऊ लगाकर थके-मांदे मनुष्यों को संतुष्ट किया है, उसने ब्रह्मा, विष्णु और शिव आदि देवताओं को संतुष्ट कर लिया।
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